आगरा – ताजमहल की मस्जिद में शुक्रवार के अलावा बाकी दिन नमाज पर ए एस आई की रोक

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रिपोर्ट – आगरा /नसीम अहमद – शुक्रवार को ताजमहल का दीदार आम जनता के लिए बंद रहता है लिहाजा इस दिन मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत रहती है l  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताजमहल परिसर के अंदर मौजूद मस्जिद में मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर शुक्रवार के अलावा बाकी दिन बैन लगा दिया है। एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि वे जुलाई में आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन के एक फैसले को बरकरार रखते हुए ताजमहल की सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार की नमाज के अलावा अन्य दिनों में स्थानीय लोगों पर यहां की मस्जिद में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाया था।
एएसआई ने नमाज पड़ने वालों के लिए मौजूद वजू टैंक स्टील की बेरिकेटिंग लगाकर बंद  कर दिया है और उस पर ताला लगा दिया गया है, शुक्रवार को ताजमहल का दीदार आम जनता के लिए बंद रहता है लिहाजा इस दिन मुस्लिम समाज के लोगो को नमाज के लिए प्रवेश की इज़ाज़त थी l  बाद में ये सिर्फ स्थानीय मुस्लिम के लिए लागू कर दी गई जिसमें नमाज पढ़ने जाने वालों को अपनी पहचान पत्र गेट पर दिखाना पड़ता है उसके बाद सभी सुरक्षा के बाद प्रवेश दिया जाता है l
वहीं, अन्य दिनों में यहां आने वाले उसी सैलानी को मस्जिद में जाने की इजाजत होती है, जिसने टिकट खरीदा हो। एक हैरान करने वाले कदम के तहत एएसआई ने रविवार को वजू टैंक को बंद कर दिया, जहां नमाज के लिए वजू किया जाता है। इसके चलते कई सैलानियों को निराशा उठानी पड़ी। यहां तक कि इमाम और मस्जिद के दूसरे स्टाफ से केवल शुक्रवार को ही आने को कहा गया है। कई दशकों से इमाम सैयद सादिक अली का परिवार ताजमहल के अंदर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाता है। इसके लिए वह महज 15 रुपये प्रति माह का मेहनताना लेते हैं। इमान ने भी एएसआई के इस आदेश पर आश्चर्य जताया है।
ताजमहल इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने कहा कि लंबे अरसे से यहां की मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती थी और इसे रोकने की कोई वजह समझ में नहीं आ रही। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार दोनों मुस्लिम विरोधी मानसिकता की हैं। वह सोमवार को एएसआई के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे।
आज मुस्लिम समाज का एक प्रतिनिधिमंडल अपर जिलाधिकारी नगर आगरा के पी सिंह से मिला और उनको अपना एक पत्र राष्ट्रपति के नाम दिया उसके बाद ये लोग पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से मिले और उनको भी ज्ञापन देकर इस आदेश पर गहरा रोष प्रकट किया और कहा कि इसके लिए दीपावाली के बाद आंदोलन किया जाएगा l एएसआई की आगरा सर्कल के सुपरिंटेंडेंट आर्कियॉलजिस्ट वसंत स्वर्णकार का कहना है, ‘यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उठाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘नमाज केवल शुक्रवार को पढ़ी जा सकती है और वह भी केवल स्थानीय लोगों के द्वारा।’ आज अधिकारियों से मिलने वालों मे मौलाना रियासत अली. मौलाना उजैर आलम, सागीर अहमद. इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन हाजी असलम कुरेशी आदि लोग शामिल थे l