पर्यावरण प्रदूषण बचाव एवं नियंत्रण अथॉरिटी के नियमों की करें अनुपालना अन्यथा होगी कार्यवाही – एसडीएम

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इन्द्री –  एसडीएम प्रदीप कौशिक ने पर्यावरण प्रदूषण बचाव एवं नियंत्रण अथॉरिटी के आदेशों की अनुपालना करते हुए इन्द्री उपमंडल के गांव खानपुर, सांतडी व बुढ़ेडी में पहुंचकर किसानों से अपील की है कि फसलों  के अवशेष ना जलाएं और न ही दूसरों को जलाने दें। किसान नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन उपाय अपनाएं, पर्यावरण को प्रदूषण होने से बचाए तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बढाएं।

दौरे के दौरान एसडीएम  गांव खानपुर के किसान बलिन्द्र के खेत में गन्ने की कटाई होते हुए देखकर वहीं पर रूक गए और किसान से बातचीत की और समझाया कि गन्ने की पाती को ना जलाएं बल्कि इसका चारे इत्यादि में प्रयोग करें। इसके  बाद महाराजा पंजाबी ढ़ाबा का औचक निरीक्षण किया और ढ़ाबा मालिक रमेश चन्द को आगाह किया कि कोयला और लकडे  के गुटके का प्रयोग ना करे, एलपीजी गैस ही प्रयोग में लाई जाए। रमेश चन्द ने बताया कि हम पहले से ही गैस का प्रयोग कर रहे है। एसडीएम ने सांतडी गांव के र्इंट भट्ठों का भी दौरा किया और जिगजैक तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित किया। सांतडी ईंट भट्ठे में पहले से ही जिगजैक तकनीक का कार्य चल रहा था जिसे देखकर एसडीएम ने भट्ठा  मालिक की प्रशंसा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो किसान, ढ़ाबा मालिक और भट्ठा मालिक पर्यावरण प्रदूषण बचाव एवं नियंत्रण अथॉरिटी के नियमों की पालना नही करेगा, उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

इस मौके पर कृषि अधिकारी राकेश अग्रवाल ने किसानों को फसल अवशेष प्रबन्धन हेतू प्रयुक्त होने वाले विभिन्न कृषि यन्त्रों जैसे हैप्पी सीडर, रिवर्सीबल प्लो, रोटरी प्लो, मल्चर, स्ट्रा रिपर, स्ट्रा चोपर,  स्ट्रा बेलर, रिपर बाईंडर, जीरो ड्रील पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन्ही यन्त्रों की खरीद पर अनुसूचित जाति/महिला एवं सीमान्त व छोटे जोत वाले किसानो को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। कोई भी किसान फसल अवशेष प्रबन्धन के यह यन्त्र खरीद कर कृषि विभाग के निर्देशानुसार अनुदान का लाभ पा सकता है।