अजमेर – महिलाओ को लिए इस बारगाह में नमाज की सुविधा नहीं

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किशोर सिंह /अजमेर – विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की बारगाह में हर रोज़ हज़ारो ज़ायरीन आते है। इन अकीदतमंदों में महिला ज़ायरीन की संख्या भी अधिक होती है पर उनके लिए दरगाह में इबादत करने के इंतजाम कैसे है ये जग जाहिर है। दरगाह में जहा ज़ायरीन की सुविधा का दरगाह कमेटी दम भर्ती है तो वही महिला ज़ायरीन हाज़त और इबादत के लिए धक्के खाती है।

सबसे बड़ी दिक्कत महिलाओं को तब आती है जब उन्हें या उनके किसी छोटे बच्चे को हाज़त(शौचालय )जाना होता है तो उन्हें दरगाह के आस पास कोई सुविधा नज़र नही आती ऐसे में खादिमों के घर के दरवाज़े खुले होते है इसके बाद इबादत के लिए वज़ु भी ज़रूरी होता है,अब दरगाह ज़ियारत पूरी करने के साथ अल्लाह की इबादत के लिए महिला ज़ायरीन नमाज़ की जगह तलाश करती है ऐसे में उन्हें कही जगह मिल जाती है तो बहुत से ज़ायरीन महिलाओ को धक्के भी खाने पड़ते है। इसका सबूत हर शुक्रवार यानी जुमे के दिन पूरी दरगाह परिसर में देखने को मिल जाता है। जुमे की नमाज़ के लिये महिलाओ को उठा दिया जाता है और झालरे की तरफ इंतजाम का हवाला देते हुए भेज दिया जाता है पर यहां भी आदमियों के लिए जमात के वक्त महिला ज़ायरीन को धक्के खाते देखा जाता है।

अब ऐसे में दरगाह कमेटी दावा करती है कि महिला नमाज़ियों के लिए दरगाह में महिला कॉरिडोर बनाया है ,पर सवाल उठता है कि सिर्फ बनवाया है तो नमाज़ के लिए महिलाओं के लिए खोला क्यो नही जाता,आखिर ख्वाजा साहब के दरबार मे इबादत की नीयत से ही तो हज़ारो ज़ायरीन महिलाये अजमेर शरीफ आती है। ऐसे में दरगाह कमेटी का महिला ज़ायरीन की सुविधा के किये दोहरा चेहरा  ना क़ाबिले बर्दाश्त है। सैय्यद यामीन हाशमी बताते है कि ऐसी कई समस्या महिला ज़ायरीन के सामने आती है पर कमेटी ध्यान नही देती,आहता नूर परिसर में जहा महिलाये इबादत करती है वहा पर चार कोनों में किले गड़ी है जिससे महिलाओं को चुभ जाती है और वो घायल भी हो जाती है और ज़ायरीन को पैरों में ठोकर से लहू लोहान भी होना पड़ता है।

दरगाह खादिम एसएफ मुबीन चिश्ती,सैय्यद क़ुतबूद्दीन सखी का आरोप है कि कमेटी में बैठे कुछ लोग भ्रष्ट है और ज़ायरीन की सुख सुविधा के साथ साथ उनकी और दरगाह की सुरक्षा से भी अंजान बने रहते है जिसकी वजह से आये दिन कभी जानवर तो कभी कुत्ते भी दरगाह में प्रवेश कर जाते है जिससे लोगो की आस्था को ठेस पहुंचती है। गौरतलब है कि दरगाह कमेटी की आगामी मीटिंग 8 जनवरी को होगी जिसमें कुछ स्थानीय मुस्लिम संगठन विरोध प्रदर्शन कर दरगाह कमेटी के गलत फैसलों और कार्यवाही के खिलाफ हंगामा करेंगे।