मानवाधिकारों की सुरक्षा पुलिसकर्मियों का पहला दायित्व : केके सिंधु

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करनाल – राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सहयोग से हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में चल रही राज्यस्तरीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी प्रतिभागी पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए निदेशक केके सिंधु ने कहा कि हरियाणा पुलिस का उद्देश्य सेवा, समर्पण सहयोग है। तकनीकी के दौर में पुलिसकर्मियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आधुनिकीकरण के दौर में यह प्रशिक्षण शिविर नई चुनौतियों को रूबरू करवाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की सुरक्षा पुलिसकर्मियों का पहला दायित्व है। राज्यभर से आए पुलिसकर्मियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि हमें नए वर्ष में नागरिक सुरक्षा के हर प्रयास करने होंगे।कार्यशाला के बारे में प्रकाश डालते हुए जिला न्यायवादी राजेश कुमार ने कहा कि प्रत्येक अनुसंधान अधिकारी जनता से निरंतर संवाद करता है। ऐसे में उसको यह सुनिश्चित करना होगा कि वह ऐसा नागरिक व्यवहार करे जिससे किसी भी नागरिक के मानवाधिकार प्रभावित ना हो। उन्होंने कहा कि अकादमी वर्ष भर पुलिसकर्मियों के मानसिक विकास के लिए निरंतर विविध कार्यशालाओं का आयोजन करती है। इस कार्यशाला में कर्मचारियों के संस्मरण और अनुभव शिविर की उपलब्धि है। पुलिस अधीक्षक आरके मीणा ने कहा कि किस तरह की कार्यशालाएं पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के मानसिक क्षमता का विकास करती हैं और उनको अध्ययनशील रहने की प्रेरणा देती हैं।
जिला न्यायवादी यमुनानगर डॉ. मुकेश गर्ग ने कहा कि हरियाणा का प्रत्येक जिला किसी सीमावर्ती राज्य से जुड़ता है। ऐसे में बाहरी राज्य के अपराधियों की पहचान और राज्य की सुरक्षा हमारे समय की बड़ी चुनौती है। जेल अधीक्षक शेरसिंह ने कहा नागरिक समाज को भी यह समझना होगा कि समाजद्रोही शक्तियां मानवाधिकार की आड़ में राष्ट्र को कमजोर करने का षड़यंत्र ना कर सके। उप जिला न्यायवादी अजय कुमार ने कहा कि पुलिस सुधार बदलते समय में समय की आवश्यकता है। बदलाव का रास्ता इस मंथन शिविर से ही निकलेगा। प्रीतपाल सिंह ने कहा कि नागरिक पुलिस संवाद जैसे कार्यक्रम समाज को सकारात्मक दिशा देता है। रिटायर्ड पुलिस अधीक्षक सीबीआइ बीएस ढोगरा ने कहा कि समाजिक सुरक्षा का दायित्व केवल पुलिस बल का जिम्मा नहीं है। समाज के हर वर्ग को इस अभियान का हिस्सा बनना होगा। संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि नागरिक मित्र पुलिस लोकतांत्रिक राष्ट्र की अवधारणा को साकार करने की पहल है। इंचार्ज सीपीटी ओमप्रकाश ने कहा कि सामुदायिक अभियान ही बेहतर समाज का निर्माण करेगा। तीन दिवसीय इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों ने जीवंत हिस्सेदारी दी। अपने अनुभवों व संस्मरणों के माध्यम से पुलिसकर्मियों की चुनौती और दुविधा को प्रस्तुत किया। सभी विषय विशेषज्ञों ने यह महसूस किया कि पुलिसकर्मियों के बौद्धिक विकास के लिए ऐसी कार्यशालाएं अकादमी को विश्व ज्ञान के केंद्र के रूप में स्थापित करती हैं। कार्यशाला के संयोजन में कोर्स कॉर्डिनेटर उप निरीक्षण रामकुमार, सह कोर्स कॉर्डिनेटर उप निरीक्षण दर्शन मलिक, सहायक उपनिरीक्षक कंवरपाल, उप निरीक्षक जनार्धन एवं नरेंद्र आदि की सक्रिय भूमिका रही।