राजस्व कर्मचारियों ने किसानो के मुआवजे की राशि को मरे हुए किसानो में बांटा

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शाहजहांपुर – यूपी के शाहजहांपुर में घोटाले बाज अफसर और कर्मचारी गरीब किसानों का ही हक मारकर खा गये। यहां ओलावृश्टि और भारी बारिश से हुये फसल के नुकसान के बाद मिले मुआवजे के पैसों को बेहद अनोखे अंदाज से राजस्व कर्मचारियों ने बंदरबांट कर लिया। कर्मचारियों ने मरे हुये लोगों के नाम मुआवजे का चेक जारी करके उनके हक का पैसा खा गये। आरटीआई के जरिये हुये खुलासे के बाद अब मामले की जांच षुरू कर दी गयी है।

कलेक्ट्रेट में धरना दे रहे इन किसानों के साथ सरकारी कर्मचारियों ने मुआवजे के नाम पर बड़ा धोखा किया है। राजस्व कर्मचारियों ने इन किसानों के नाम मिले मुआवजे को मरे हुये लोगों के नाम जारी कर दिया और पैसा निकालकर खुद खा गये। दरअसल 2015-16 में हुई भारी बारिश और ओलावृश्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गयी थी। जिसके बाद सरकार ने किसानों को मुआवजे का पैसा जारी किया था। इसी के चलते निगोही ब्लाक के ढकिया तिवारी गांव में लेखपाल अजय चौधरी ने 747 किसानों की सूची बनाई। इसके बाद इनमें से महज 100 यां 150 किसानों को ही मुआवजा मिला। बाकि किसानों को जब मुआवजा नही मिला तब उन्हांने सूचना के अधिकार के तहत जब सूचना मांगी तब राजस्व कर्मियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरटीआई के तहत मिली जानकारी ने लेखपाल ने 26 मृतको के नाम 111 बाहरी लोगों के नाम 55 लोगों के नाम डबल चेक और 11 लोगों के नाम 4-4 चेक जारी किये थे। मंशा साफ थी कि इन्ही चेकों में लेखपाल ने बड़ा गोलमाल करके किसानों का पैसा हड़प लिया। लेकिन अब किसानों का हक डकारने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही चाहते है।

वही धरने पर बैठे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की उनका कहना है कि अगर किसानों का हक डकारने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नही हुई तो वो सड़को पर उतरने पर मजबूर होगे। वही जिला प्रशासन किसी भी तरह इस घोटाले की बात को सिरे से नकार रहा है उनका कहना है  पूरे मामले की जाँच कराई जायेगी। अगर कोई सच्चाई सामने आई तो दोषिओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
शाहजहांपुर के निगोही ब्लाक में मुआवजे को मिले पैसे में ये कोई अकेला मामला नही है बल्कि राजस्व कर्मियों ने पूरे जनपद में इस तरह के कई गोलमाल किये है। शिकायते तो कई हुई लेकिन सभी शिकायते जांच की टोकरी में बन्द होकर रह गयी है। अब देखना ये है कि इस मामले में दोषियो के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।