राष्ट्र को बचाने के लिए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना जरूरी-आचार्य देवव्रत

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करनाल – हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हमें राष्ट्र को बचाने के लिए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना होगा तथा स्वामी दयानंद,स्वामी विवेकानंद,स्वामी श्रद्धानंद व गुरू ब्रह्मानंद के मार्ग पर चलकर समाज में एकता व भाईचारे को बढ़ावा देने का संकल्प लेना होगा।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत बुधवार को निसिंग खंड के गांव बस्तली में आर्य विद्यापीठ में  आयोजित  बहुकुण्डीय राष्ट्रभृत महायज्ञ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने इससे पहले यज्ञ में आहुति डालकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तथा बस्तली गांव की कबड्डी टीम के खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने पर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि देश का युवा आज पाश्चत्य संस्कृति को अपनाने में अपना गौरव समझता है परन्तु यह राष्ट्र के लिए खतरा है। देश का युवा राष्ट्र की ताकत है यदि युवा भटकता है तो राष्ट्र कमजोर होता है। हमारे ऋषि मुनि और संतों ने प्राचीन समय में राष्ट्र को बचाने का कार्य किया। स्वामी दयानंद,स्वामी विवेकानंद,स्वामी श्रद्धानंद व गुरू ब्रह्मानंद ने देश की संस्कृति को बचाने का लोगों के बीच में जाकर प्रयास किया। राष्ट्र को आगे बढ़ाने में व युवाओं को संस्कारवान बनाने में आर्य समाज का अहम योगदान है।

राज्यपाल ने कहा कि हमें सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करके आगे बढऩा है। पर्यावरण को बचाकर देश के लोगों को स्वस्थ बनाना है, जब लोग स्वस्थ होंगे तो विकास संभव है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि घटती जोत में अधिक उत्पादन के लिए अंधाधुंध पेस्टासाईड का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे उत्पादन तो बढ़ता है लेकिन मनुष्य का स्वास्थ्य खराब होता है और भूमि बंजर होती है। उन्होंने किसानों से अनुरोध कि वे जैविक खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि गुरूकुल कुरूक्षेत्र में मॉडल के रूप में बिना पेस्टीसाईड प्रयोग किये खेती की जा रही है और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग खेती को देखने के लिए आते है और अब उत्पादन भी बिना पेस्टीसाईड के बेहतर हो गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नजदीक के ग्रामीणों व गुरू ब्रह्मानंद ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया। इस मौके पर कृष्ण लाल आर्य ने आऐ हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव,आर्य समाज के प्रधान रामपाल सहित आर्य समाज के संत व अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।