लाहौल घाटी के किसानों का प्रशिक्षण शिविर

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करनाल – भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान में जन जातीय उप परियोजना के अंतर्गत लाहौल घाटी के किसानों की आमदनी बढ़ाना विषय पर एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है l इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. जी पी सिंह ने बताया कि लाहौल घाटी सब्जियों, फलों एवं फूलों की खेती के लिए जाना जाता है l इस प्रक्षिक्षण के माध्यम से उनका कौसह्ल विकास किया जायेगा जिससे कि वे और अच्छे तरीके से अपने कृषि कार्यों का संपादन कर सकें l हाल के वर्षों में लाहौल घाटी के किसान आलू, मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, लाल पत्ता गोभी, जुकुनी, आइसबर्ग, लेत्तुस आदि सब्जियों की बेमौसम खेती से लाभ कमा रहे है l

अब इस घाटी में सेब की भी खेती की जाने लगी है l फूलों की खेती में भी यहाँ के किसानों का रूझान बढ़ा है l अतः इस प्रक्षिक्षण के दौरान उनको सब्जी उत्कृष्टता केंद्र, घरौंडा का भी दौरा करवाया जायेगा ताकि उनका बेहतर मार्गदर्शन हो सके l इस प्रशिक्षण कार्क्रम के समन्वयक डॉ. चन्द्र नाथ मिश्र ने बताया कि लाहौल घाटी में अब किसान गेहूँ और जौ का बीज उत्पादन कर रहे है और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है l इस प्रशिक्षण के मध्यम से बीज उत्पादन की जानकारी भी उनको दी जाएगी l यह पहला मौका है जब लाहौल घाटी के 45 किसान किसी ऐसे प्रशिक्षण में भाग ले रहे है l इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में उनको पशुपालन, फसल उत्पादन, फल, फूल और सब्जी उत्पादन की विस्तृत जानकारी के साथ साथ उनको किसानों के खेतों का भी भ्रमण करवाया जायेगा l इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का जहाँ एक तरफ ज्ञान संवर्धन में योगदान है वही दूसरी तरफ किसानों को अन्य क्षेत्र के किसानों से मिलने और उनके सफल प्रयोगों को देखने का भी मौका मिलेगा l