सोनीपत – मनुष्य के अंदर संवेदनशीलता बेहद जरूरी, दूसरों के दुखदर्द बांटने के लिए: प्रो.गणेशीलाल

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सुरेन्द्र /सोनीपत  -उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने आम जनमानस को गीता के उपदेश एवं संदेश को जीवन में धारण करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इससे विकास के द्वार खुल जायेंगे। गीता में मानव जीवन के उद्देश्य का वर्णन किया गया है। आत्मा-परमात्मा के संबंधों की बात की गई है। मानवीय मूल्यों को महत्व दिया गया है। इसलिए हर प्रकार के बंधनों से मुक्ति के लिए गीता को अपनाना चाहिए।
मंगलवार को गोहाना के जैन स्थानक में उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने गीता के संदेशों का उल्लेख किया।  साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया में कई प्रकार के मनुष्य होते हैं। कुछ संवेदनशील तो कुछ संवेदनहीन होते हैं। मानव को संवेदनशील होना चाहिए। संवेदनशील व्यक्ति ही दूसरों के दुखदर्द को बांटता है, क्योंकि  वह दूसरों की पीड़ा को समझ सकता है।
राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि मानवीय जीवन को बेहतरीन ढंग से जीना चाहिए। संस्कार व संस्कृति के साथ जीवन का आनंद उठाना चाहिए। मानव को मानव की मदद करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने संतों के आदर्शों व शिक्षाओं का अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल का जोरदार अभिनंदन किया गया। उन्होंने उपस्थित सुंदर मुनि को नमन करते हुए कहा कि संस्कार व संस्कृति के प्रचार-प्रसार में संतों की विशेष भूमिका रहती है।
हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम के चेयरमैन रामचंद्र जांगड़ा व भ्भाजपा के जिलाध्यक्ष डा. धर्मबीर नांदल ने प्रो.गणेशीलाल का स्वागत करते हुए कहा कि इनका संपूर्ण जीवन अनुकरणीय है। इस मौके पर पूर्व विधायक रामफल चिड़ाना, दादा बलजीत मलिक, मार्केट कमेटी के चेयरमैन नत्थाराम सैनी, जैन स्थानक भगवान धाम के प्रधान वेद जैन, नगर परिषद की चेयरपर्सन रजनी विरमानी, विनोद जैन, मुकेश जैन, रामधारी, रामकुमार मित्तल,  जय सिंह ठेकेदार, इंद्रजीत विरमानी, आदि ने फूलमालाएं पहनाकर तथा पगड़ी बांधकर गर्मजोशी से राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल का अभिनंदन किया।