Karnal – टिकट ले जाएगा खिलाडी बाकि…………….

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करनाल – लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कुछ ही दिनों में होने ही वाला है l देश का बदला हुआ मिज़ाज़ देखते हुए बीजेपी हर उम्मीदवार पर भारी पड़ती नज़र आ रही है l अब सांसद बनने के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट भी दिन प्रतिदिन लम्बी होती जा रही है l ऐसे में एक अनार सौ बीमार की कहावत भी एक अनार हज़ार बीमार में बदलती हुई दिख रही है l बताया जा रहा है कि जो कभी बीजेपी के मंच को देखने भी नहीं जाता था आज टिकट के दावेदारों में शामिल होने या अपने आप को बीजेपी का कर्मठ सदस्य बताते नहीं थक रहा और इतना ही नहीं हर गली चौराहे पर स्थानीय नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री तक की फोटो वाले होर्डिंग के द्वारा सरकार के किये गए अच्छे कार्यों का गुणगान अपनी फोटो लगाकर यह संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि जैसे ये सारी योजनाएं इन्ही के द्वारा प्रसारित की जा रही हैं l क्योंकि चुनाव का समय है और टिकट का ऐलान बस होने ही वाला है काम मोदी का, टिकट मिलने वालों की तो बस लाटरी लगने की देरी है l स्थानीय कार्यकर्ता ,नेता तो है ही टिकट दावेदारों की लाइन में लेकिन बीजेपी के नये नेता बनने की बाढ़ सी आ गई है l बताया जा रहा है कि टिकट मिलने के सुनहरे सपने देखने वाले सोते उठते बस दिल्ली दरबार में अपने अपने आकाओं की खोज में जुटे हुए हैं l अगर हरियाणा बीजेपी हरियाणा के विधानसभा के चुनाव भी लोकसभा के साथ ही कराकर प्रचार का खर्च कम करने की दलील दे दे तो हरियाणा पहला राज्य होगा जो मोदी की उस बात की पुष्टि करेगा कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एकसाथ हो l
हालाँकि गत दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में यह साफ कर दिया कि जो भी उम्मीदवार होगा हम उसे जीताकर ही लोकसभा में भेजेंगे l मुख्यमंत्री के सूत्र बताते हैं कि लोकसभा का उम्मीदवार बाहरी होगा यानि जहाज़ से आना तय है l यहाँ आए दिन नये नये नाम सामने आ रहे हैं किसी की एकदम जगी देशभक्ति देखकर लोग हैरान हैं तो किसी की एकदम सामने आई समाज सेवा से लोग हैरान हो रहे हैं l क्योंकि उन्हें फिर फोटो के जरिए प्रसारित भी किया जा रहा है ताकि टिकट की दावेदारी पेश करने में आसानी हो l अब तक मिले सूत्रों के मुताबिक टिकट चाहने वालों के सपने अधूरे रहने वाले हैं और मेनका गाँधी को टिकट मिलनी की पूरी संभावना जताई जा रही है l इसका एक बड़ा कारण बताया जा रहा है क़ि विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी टिकट चाहने वाले एकदम ताजे ताजे समाजसेवियों की लिस्ट कुछ ज्यादा ही लम्बी है यदि किसी स्थानीय को टिकट दे भी दिया जाता है तो गुटबाज़ी और भीतरघात इस सीट की जान ले लेगा l जैसा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी विरोध हुआ था और मुख्यमंत्री ने जीत के पश्चात नाराज़गी जाहिर भी की थी l इसलिए केंद्र सोच समझकर ही उम्मीदवार को मैदान में उतारेगा l