नैनीताल -कुमाऊँनी बैठकी होली का आगाज

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रिपोर्ट -कांता पाल/नैनीताल – कुमाऊं में होली का आगाज हो गया है। कुमाऊं एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां करीब ढाई महीने पहले ही गायन की शुरुआत हो जाती है। बैठकी होली की यह अनोखी परंपरा कुमाऊं में सदियों से चली आ रही है। पौष माह के पहले रविवार के साथ ही कुमाऊं की धरती में होली की शुरुआत हो गई है। इस अनूठी परंपरा में होली तीन चरणों में मनाई जाती है। बैठकी होली के माध्यम से पहले चरण में विरह की हाली गाई जाती है और बसंत पंचमी से होली गायन में श्रृंगार रस घुल जाता है। इसके बाद महाशिवरात्रि से होली के टीके तक राधा-कृष्ण और छेड़खानी-ठिठोली युक्त होली गायन चलता है। अंत में होली अपने पूरे रंग में पहुंच जाती है और रंगों के साथ खुलकर मनाई जाती है। बैठकी होली गायन में सभी रस और राग घुलकर इसे अपने आप में कुमाऊं की सदियों से चली आ रही परम्परा को जीवित रखे हुए है।इस परम्परा को आगे बढ़ाने में राम सेवक सभा द्वारा पूरा सहयोग देते हुए युवाओं के लिए होली गायन की कार्यशाला भी आयोजित की जाती रही है। ताकि युवाओं को अपनी संस्कृति को जानने के साथ ही राग रागनियों का ज्ञान हो सके।