करनाल – करनाल में बीजेपी पर टिकट बंटवारे को लेकर भेदभाव का आरोप

0
469

करनाल – बीजेपी चाहे कितने भी दावे करती रहे कि हम सब समाज को साथ लेकर चलने वाले हैं या बीजेपी आम आदमी की पार्टी है l एक तरफ नामांकन की तैयारियां हो रही हैं तो दूसरी तरफ आरोप भी लगने शुरू हो गए हैं l कुछ कह रहे हैं कि जिन्होंने पहले खूब फायदे उठाये उन्ही को फिर से फायदे पहुंचाने की तैयारी है l हालाँकि बीजेपी के ही कुछ लोग बगावत करने की बात भी कह रहे हैं कि लोग दिखावा तो साथ खड़ा होना पड़ेगा l बीजेपी की मेयर और पार्षदों की टिकट भागीदारी को लेकर समाज के बाकि वर्गों में टिकट के जातीय समीकरण को लेकर असंतोष पनपना शुरू हो गया है l सामान्य वर्ग में ही पंजाबी और वैश्य समाज के 10 प्रत्याशियों को बीजेपी ने पार्षद का टिकट आवंटित कर दिया है जिसमें सबको साथ लेकर चलने का नारा देने वाली बीजेपी ने 36 बिरादरियों के समाज में से किसी भी व्यक्ति को बीजेपी ने अपना पार्षद का प्रत्याशी नहीं बनाया है , जबकि इनकी तादाद भी करनाल में कम नहीं है l जो मेयर के चुनाव के नतीजों में फैसला करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं l इस बात को लेकर बीजेपी पर लोग पक्षपात और केवल कुछ ही लोगों का विकास करने का आरोप मंड रहे हैं l ऐसे ही लोग दबी जुबान में यह भी कह रहे हैं कि इससे तो अच्छा होता कि बीजेपी भी बिना चुनाव चिन्ह के चुनाव लड़ती कम से कम ऐसे दोष न लगकर लोग ये कहते कि यह पार्टी सब समाज के लोगों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है l

निगम में शामिल हुए इन 15 गांवों के करीब 20 हज़ार हज़ार मतदाता हैं ,जिनका प्रत्याशी को जिताने में अहम रोल है लेकिन इनमे से भी ग्रामीण प्रत्याशियों की अनदेखी की गई है l इस विषय पर सजग समाज पत्रिका के सम्पादक शमशेर सिंह संधू का कहना है कि बीजेपी और इसके सी एम् प्रचार करते थे कि हम सबको साथ लेकर चलेंगे ,इसकी उपेक्षा की गई है जो अब आम आदमी को छोड़कर केवल व्यापारी वर्ग को प्राथमिकता दे रहे हैं ये समाज के लिए अच्छा संदेश नहीं है l इसी तरह के आरोपों के कारण लोगों ने पिछले सी एम् भूपेंद्र सिंह हुड्डा को रिजेक्ट कर दिया था l वार्ड न 8 से बीजेपी का टिकट न मिलने से नाराज यशपाल मित्तल का कहना है कि यह सच है कि भेदभाव हुआ है यहाँ के अध्यक्ष की वजह से l पवन शाहपुर कांग्रेस के नेता का कहना है कि पंजाबी समुदाय को प्राथमिकता दी गई है बाकि 36 बिरादरियों की अनदेखी की गई है l