करनाल – सरपंच महिला है , पर पति है असली सरपंच

0
353

करनाल  – करनाल जिले में सरपंचों की कुल संख्या 380 है जिसमें से करीब 157 की संख्या महिला सरपंंचों की है अब सवाल यह उठता है कि क्या ये महिला असल में महिला सरपंच हैं या सिर्फ कागजों में ही काम कर रही हैं या साफ तोर पर कहें तो उनकी सारी शक्तियां उनके अपने पति या परिवार के किसी पुरुष सदस्य के पास है l शायद ही किसी ने गांव में किसी कार्यक्रम में किसी महिला सरपंच या पंचायत सदस्य की सीधी भागीदारी देखी होगी l महिला सरपंच के पति ही सब काम निपटाने, कार्यक्रमों में स्टेज पर बैठने की सुर्खियां बटोरना आदि में लगे रहते हैं l आप कहीं भी देख लीजिए होर्डिंग लगे होंगे लेकिन उसके पति या पुरुष सदस्य की विशाल फोटो के साथ महिला की कोने में बिलकुल छोटी फोटो l

इसका साफ उदाहरण देखने को मिला जब इंद्री खंड के गांव कुंजपुरा में  खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री कर्ण देव काम्बोज एक सामाजिक कार्यक्रम में पहुंचे तो महिला सरपंच का पति ही कार्यक्रम में सरपंच की ओर से भाग ले रहा था , लेकिन सरपंच का फोन भी व्ही उठाता है ये कहकर कि वह सरपंच बोल रहा है , और अपनी पत्नी से बात नहीं करने देता l गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि गांव में अभी किसी संत के आने की मुनादी हो रही थी जिसमे कहा जा रहा था सरपंच विजय की तरफ से. …… l और हैरान कर देने वाली बात है कि मंत्री के कार्यक्रम का प्रैस नोट रिलीज़ हुआ जिसमे लिखा हुआ था सरपंच विजय l एक सामाजिक कार्यकर्ता राजबीर सिंह का कहना है कि महिलाओं के नाम पर सब कुछ दिखावा है असलियत तो कुछ और है l यह बात एक या दो प्रतिशत को छोड़कर सब जगह लागू है कि नाम किसी ओर का काम किसी और के l यानि महिला सीटों को परिवार के पुरुष सदस्य हड़पने के लिए महिलाओं को आगे कर  देते है l
हरियाणा बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष निर्मला बैरागी इस बारे में कहती हैं कि अभी मानसिकता बदलने में थोड़ा वक्त लगेगा , महिलाओं को परिवार के सहयोग की जरूरत होती है l गौरतलब है कि जब जिले में आधिकारिक तौर पर ये बात पता करनी चाही कि जिले में महिला सरपंचों की संख्या कितनी है तो बी डी ओ कार्यालय में पता करते करते सुबह से दोपहर हो गई, फिर डी डी पी ओ कुलभूषण से बात कर पूछना चाहा तो उनका जवाब था मैं छुट्टी पर हूँ , हमें ये फिगर निकालने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी l ये डाटा किसी और के पास है उनसे पूछिए l यानि विभाग का  हाल देखिए l
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री कर्ण देव काम्बोज ने भी इस बारे में बात करने पर माना कि सरपंच या ब्लॉक स्तर पर चुनी हुई महिलाएं सिर्फ एक दो प्रतिशत ही किसी कार्यक्रम में आती हैं, अधिकतर  उनके परिवार के पुरुष सदस्य ही कार्यक्रमों में भाग लेते हैं , हालाँकि महिलाओं को अपनी जिम्मेदारी के प्रति बढ़चढ़कर भाग लेना चाहिए और निभाना भी चाहिए l