कैंटरिंग का काम करने वाला आज है आईपीएल सट्टे का बेताज बादशाह

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अजमेर – IPL-10 के दौरान कानपुर के एक होटल से गिरफ्तार किए गए क्रिकेट सटोरियों को लेकर पुलिस ने नया खुलासा किया  है। इंटरनेशनल बुकी नयन रमेश शाह के नेटवर्क में अजमेर के सट्टा किंग बंटी खंडेलवाल भी शामिल था। बंटी करीब 15 साल पहले पिता सीताराम खंडेलवाल के साथ शादी-पार्टियों में कैटरिंग के काम में हाथ बंटाता था। और कई बार विदेश यात्रा भी  कर चुका है
कानपुर पुलिस टीम शुक्रवार को अजमेर पहुंची और लोकल पुलिस की मदद से बंटी के ठिकानों पर दबिश दी। बिजयनगर में बंटी के ठिकाने से कई मोबाइल फोन मिले हैं। धोलाभाटा के उसके पिता सीताराम खंडेलवाल के मकान की तलाशी ली गई, लेकिन परिजनों ने बताया कि बंटी लंबे वक्त से घर नहीं आ रहा है।

बताया जाता है कि बंटी करीब 15 साल पहले पिता के साथ शादी-पार्टियों में कैटरिंग के काम में हाथ बंटाता था – इस बीच उसका काॅन्टेक्ट कुख्यात नफीस चिश्ती से हो गया। वह नफीस के सट्टा कारोबार में बतौर एम्पलॉई के तौर पर काम करने लगा था, वहां से उसे क्रिकेट सट्टे के नेटवर्क और इस कारोबार की बारिकियां सीखीं। करीब 5 साल से नफीस से अलग होकर बंटी क्रिकेट सट्टे के इंटरनेशनल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। वह कई बार विदेश यात्रा भी कर चुका है। जयपुर, दिल्ली, मुंबई में उसके कई ठिकाने हैं। सटोरियों ने मैच से पहले कॉलगर्ल को भी बुलाया था

STF की कानपुर पुलिस के साथ मिलकर तीन जगह की गई छापेमारी में गिरफ्तार लोगों के पास से करीब 20 लाख रुपए नकद, लैपटाप, कई मोबाइल फोन, सट्टे के हिसाब किताब वाली डायरियां बरामद की गईं।
उन्होंने बताया कि ये लोग इंटरनेट के जरिए भाव लेकर सट्टा खिलाते थे और हर दिन 30 से 35 लाख रुपए का सौदा बुक करते थे। IPL-10 में ये आरोपी करोड़ों रुपए का सट्टा खिला चुके हैं।
कानपुर में एक होटल में क्रिकेट सटोरियों ने ठिकाना बनाया था। मेन बुकी नयन रमेश शाह समेत चार लोगों को पुलिस ने दबोच लिया, लेकिन बंटी खंडेलवाल मौके से भागने में कामयाब हो गया।
सटोरियों ने मैच से पहले कॉलगर्ल को भी बुलाया था। मुख्य बुकी नयन रमेश शाह देशभर के सट्टा बुकियों को पिच के बारे में जानकारी देता था। उसके मोबाइल से पिच की कई फोटोज भी पुलिस को मिली हैं।क्रिकेट सट्टा कारोबार ऑनलाइन है। क्रिकेट से जुड़े एप्लीकेशन और बैट डॉट नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए सटोरिए देशभर में करोड़ों का सौदा बुक कर रहे हैं।बंटी और उसके गिरोह के लोग बैट डॉट नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए टीमों पर चलने वाले रेट का अंदाजा लगा लेते थे। उसी के जरिए ये लोगों से सट्टा लगवाते थे। खास  बात यह है कि इस पूरे सट्टे में कैश लेन-देन नहीं होता था। बुकी बंटी ने कई शहरों में छोटे-छोटे सटोरियों को लाइन दे रखी थी। छोटे सटोरियों को कमीशन मिलता था, जबकि नफा-नुकसान की जिम्मेदारी बंटी पर थी।कानपुर में हैदराबाद और गुजरात की टीमों के दो मैच होने हैं। वर्तमान में हैदराबाद टीम की लोकप्रियता ज्यादा है। इस कारण सबसे ज्यादा सट्टा भी इसी टीम पर लगा है। STF के मुताबिक कानपुर में सटोरिये हैदराबाद की हार-जीत पर पैसा लगवा रहे थे। मसलन पैसा लगाने वाले को हैदराबाद की जीत पर 10 हजार रुपए के बदले 15 हजार मिलने थे। हैदराबाद की टीम हारती तो सट्टा लगाने वाले को 10 की जगह 15 हजार रुपए सटोरियों को देने थे।

करीब एक दशक से अजमेर क्रिकेट सट्टा कारोबार का हब बना हुआ है। कुख्यात नफीस चिश्ती, मुकेश सेठी, बंटी खंडेलवाल, कन्हैया सिंधी, साजन गिरोह और ऐसे सौ से ज्यादा छोटे बुकी है जो इंटरनेशनल लेवल के सटोरियों की लाइन से करोड़ों के सौदे बुक कर रहे हैं। किशनगढ़, बिजयनगर, भीलवाड़ा और जयपुर में बड़े पैमाने पर यह कारोबार चल रहा है।