डीएम की मनमानी बाकि अफसरों ने भी मानी

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नन्दलाल/ शाहजहांपुर – वीआईपी कल्चर खत्म  करने के लिए सरकार ने नीली और लाल बत्ती को प्रतिबन्धित कर दिया है। लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में जिलाधिकारी ने सरकार को खुली चुनौती दी है। नीली और लालबत्ती के इस्तेमाल के रोके जाने  के बावजूद डीएम और दूसरे अधिकारियों ने अपनी गाड़ियों पर नीली बत्ती लगा रखी  है। खास बात ये है कि एआरटीओ ने डीएम की नीली बत्ती को अवैध बताकर धारा 170 के तहत कार्यवाही की बात कही है तो वही जिलाधिकारी बहाना बनाकर बचने की कोशिश कर रहे है।

शाहजहांपुर के जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह जिन्होने सरकार के नीली बत्ती के नियमों को ताक पर रखकर अपनी गाड़ी पर दोबारा  से मनमर्जी से नीली बत्ती लगा ली है। डीएम साहब को देखकर एडीएम और एसडीएम सहित बाकी अधिकारियों ने भी अपनी अपनी गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाकर फिर से वीआईपी कल्चर को लागू कर लिया  है। हालांकि खुद सूबे के मुख्यमन्त्री और लखनऊ  में उनके आला अफसरों ने अपनी गाड़ियों से नीली बत्ती हटा ली हैं लेकिन जिलाधिकारी सरकार पर भारी पड़ रहे हैं। हालाँकि  एआरटीओ ने जिलाधिकारी की गाड़ी पर लगी नीली बत्ती को पूरे तरह से अवैध बताया है। उनका कहना है कि सिर्फ पुलिस, एम्बूलेन्स और दमकल की गाड़ियो पर ही नीली बत्ती का इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन जिलाधिकारी की नीली बत्ती को अवैध बताकर इस मामले में धारा 170 के तहत कार्यवाही करने की बात की जा रही है।हालाकि जब जिलाधिकारी से नीली बत्ती पर सवाल किया गया तो वो बहानेबाजी करते नजर आए। एक तरफ खुद सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके आला अफसर बिना नीली और लाल बत्ती के चल रहे है लेकिन शाहजहांपुर के डीएम खुद को वीवीआईपी समझते है। यही वजह है कि सरकार के वीआईपी कल्चर खत्म करने के निशा निर्देश डीएम के लिए कोई मायने नही रखते। हांलाकि अब देखना होगा कि एआरटीओं क्या जिलाधिकारी के खिलाफ धारा 170 की कार्यवाही कर पायेगे।