वाराणसी के मदनपुरा थाना क्षेत्र में ऊंट की कुर्बानी दी गई

0
265

वाराणसी – ईद-उल-अजहा यानी बकरीद पर कुर्बानी का सिलसिला जारी रहा है। यहां एक ऊँट को लाकर कुर्बानी के लिए तैयार किया गया ,  जिसे  देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकठ्ठा हुए। एक  रिपोर्ट के अनुसार बड़ा जानवर होने के कारण ये कुर्बानी 7 परिवार  मिलकर करते हैं । इसलिए कुर्बानी के बाद इसके 7 हिस्से भी होते हैं। इतना ही नहीं कुर्बानी के बाद ऊंट का खून ले जाने के लिए लोग टूट पड़ते हैं। खून से भीगे कपड़ों को लोग अपने घर में साल भर रखते हैं। इनकी मान्यता अनुसार  ये उनके परिवार को बुरी बलाओं से बचाने के काम आता है।

एक महीने पहले लाकर इस ऊंट को अच्छे से पाला पोसा गया फिर इसकी क़ुरबानी दे दी गई l ऊंट की कुर्बानी देने वाले साड़ी व्यवसाई अब्दुल अजीम ने बताया, 1912 से शुरू हुई ये परंपरा मेरे दादा के जमाने से चली आ रही है। पहले दादा फिर मेरे अब्बू और अब मैं कुर्बानी दे रहा हूं। इस बार हम लोग 35 हजार का ऊंट करीब 1 महीने पहले खरीद कर लाए थे और बच्चों की तरह इसे खिला-पि‍ला कर पाला गया। इसमें मोहल्ले के 6 और परिवारों का भी बराबर का हिस्सा था। इसमें शामिल होने के लिए प्रदेश भर से लोग आते हैं। कुर्बानी का उद्देश्य है- इंसान के अंदर का जो जानवर है, वो खत्म हो जाए। छोटे जानवरों की कुर्बानी एक व्यक्ति द्वारा ही दी जाती है।