शाहजहांपुर के छात्र ने बनाया ,चलता फिरता अस्पताल

0
283

नन्दलाल/शाहजहांपुर –  “मिलेंगीं परिन्दो को मंजिलें यह उनके पर बोलते है,रहते है कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है “” शाहजहांपुर के पॉलिटेक्निक छात्र अनुपम ने अपने हुनर का ऐसा ही लोहा मनवाया है। उन्होने चलता फिरता अस्पताल बनाकर न केवल अपने विजन को साकार किया है बल्कि प्रधानमंत्री के डीजिटल इण्डिया के सपनो मे पंख भी लगा दिये हैं । उनकी इस कामयाबी को देखकर बिहार सरकार ने अनुपम के बनाये हुए 37 मोबाईल हास्पिटल मगाकर मरीजो को सुविधायें  भी देनी शुरू कर दीं है लेकिन यूपी सरकार का इस ओर ध्यान न देने से लोगो मे मायूसी छाई हुई है। अनुपम के इस मोबाइल अस्पताल में पी जी आई और एम्स जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं । केंद्र सरकार ने इस प्रॉजेक्ट को गरीबों के लिए उपयोगी समझते हुए पास किया है और बर्ल्ड बैंक ने इसके लिए फाइनेन्स किया है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल इण्डिया बनाने मे जिस यत्न से जुटे है उनके इस सपने को साकार करने की एक पहल शाहजहांपुर के पालीटेक्निक पास आऊट अनुपम गुप्ता ने की है। प्रधानमंत्री के सपनो को साकार करते हुए अनुपम ने मोबाईल बस के अन्दर चलता फिरता अस्पताल बनाया है। इस अस्पताल के अन्दर विदेशों  की तर्ज पर असाध्य रोगियो के लिये सिर्फ इलाज ही नही बल्कि सांस रोगी,ह्दय रोगी के अलावा कैंसर रोगियो तक का इलाज और उनकी सभी जांच भी की जा सकतीं हैं। डाक्टरो सहित सारे संशाधनो से युक्त इस अस्पताल मे उन मरीजो का इलाज हो पायेगा जो पिछडे और ग्रामीण अंचलो मे रहते है और अस्पताल आने में असमर्थ हैं । दरसल शाहजहाँपुर पालीटेक्निक के छात्र और एटा के रहने बाले अनुपम गुप्ता ने बर्ल्ड बैंक के जरिये एंजल मैनुफैक्चरिंग कम्पनी के द्वारा इस मोबाईल अस्पताल का निर्माण किया है। अनुपम ने बताया कि इस मोबाइल अस्पताल बैन में सभी प्रकार की जांचों की सुविधाएँ हैं जैसे एम आर आई , एक्स रे , अल्ट्रा साउंड , ई सी जी .फिजियो थेरेपी अन्य सभी जाँचे । इस बैन हॉस्पिटल में डॉक्टर भी रहते हैं और लिफ्ट की भी सुविधा है इसमें । ये अस्पताल उन मरीजों के लिए बेहद लाभदायक है जो किसी भी कारण मुख्यालय पर अस्पताल नहीं आ सकते ये बैन उनके घर और गांव तक जाकर इलाज कर मरीज को पूरी तरह से ठीक कर सकती है इसमें गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज भी किया जा सकता है । 1 करोड 42 लाख मे तैयार होने बाली ये मोबाईल अस्पताल वैन मोबाईल से आप्रेट होती है और  सोलर लाईट से चलने वाले इस अस्पताल की खासियत को देखते हुए बिहार सरकार ने अपने राज्य में 37 मोबाईल अस्पताल वैन को मंगाकर करीब 7 लाख मरीजों  को लाभ दे चुकी है। वहीं  यूपी में ऐसी सुविधा न होने से यहां  के लोग मायूस हैं  जबकि इस को बनाने वाले होनहार छात्र ने यूपी में ही रहकर इसको इजात किया है ।

शाहजहाँपुर  की राजकीय पालीटेक्निक के छात्र अनुपम का मानना है कि भारत गांव मे बसता है,गामीण अंचलो मे गरीबों को समय पर इलाज न मिलने से हजारो मरीज इलाज के अभाव मे दम तोड देते है। इस तरह के चलते फिरते अस्पताल ग्रामीण अंचलो मे पहुंचकर न केवल ग्रामीणो को स्वस्थ बनायेगे बल्कि असाध्य रोगियों  का इलाज कर उनकी जिन्दगी भी बचायेगे। इटली जर्मनी मे चलने वाले ऐसे मोबाईल अस्पतालों की  यूपी में बेहद मांग है । लेकिन य़ूपी सरकार यहा के गांवो मे यह सुविधायें  देकर प्रधानमंत्री के सपनो को आखिर कब साकार करेगी यह देखने की बात होगी ? फिलहाल अनुपम ने अपने विजन को साकार कर डिजिटल इण्डिया की मुहिम से जुडकर मोदी के सपनो को साकार कर हम सभी को प्रेरणा दी है।