अजमेर – 108 जीवनदायिनी एंबुलेंस स्क्रेब और जर्जर हालत में , लेकिन चल रही है

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किशोर सिंह/ अजमेर – जिस एंबुलेंस 108 को जीवनदायिनी एंबुलेंस कहा जाता है वही एंबुलेंस अब मरीजों की और मरीजों के रिश्तेदारों के लिए मौत का सामान बन चुकी है l यह हम नहीं कह रहे हैं , यह कहना है उस ड्राइवर का जो 108 को चला रहा है l वर्तमान में 108 किस तरह के हालातों से जूझकर स्क्रेब और जर्जर हो चुकी है l इसका प्रत्यक्ष नजारा आपको दिखाते हैं l अजमेर जेएलएन अस्पताल के बाहर खड़ी इस 108 जीवनदायिनी कहीं जाने वाली एंबुलेंस क्या हालात आप देखिए यह गाड़ी पूरी तरह से स्क्रेब हो चुकी है और अब से कुछ देर पहले इस गाड़ी के ब्रेक फेल हो चुके थे और यह घटना उस वक़्त घटी जब एंबुलेंस में ना सिर्फ मरीज मौजूद था बल्कि उसके चार रिश्तेदार भी एंबुलेंस में जे एल एन अस्पताल की तरफ आ रहे थे l

इस एंबुलेंस को चलाने वाले ड्राइवर शिव कुमार का कहना है कि 2008 में यह गाड़ी तैयार की गई थी और आज 10 साल हो गए हैं l उसके बावजूद यह गाड़ी 50 लाख किलोमीटर तक चल चुकी है जबकि नियम कायदों की बात करें तो 30 लाख किलोमीटर के बाद गाड़ी स्क्रेब के रूप में देखी जाती है लेकिन कई बार इस गाड़ी की शिकायत आला अधिकारियों को किए जाने के बावजूद भी इस गाड़ी को अभी तक चलाने से बंद नहीं किया गया है l जिसके चलते आए दिन इस गाड़ी में हो रही परेशानियों की वजह से मरीजों को अस्पताल तक जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है l  कभी ये 108 गाड़ी पंचर हो जाती है कभी इंजन खराब हो जाता है तो कभी गाड़ी के ब्रेक फेल हो जाते हैं इतना ही नहीं शिव कुमार ने तो यहां तक बताया कि जिस मरीज को अस्पताल तक पहुंचने में 15 मिनट लगनी चाहिए एंबुलेंस 108 के कारण एक घंटा तक लग जाता है जिसके चलते यह गाड़ी मौत का सामान बन चुकी है l

इसके अलावा आपको कुछ देर पहले हुई घटना के बारे में जानकारी देते हुए शिव कुमार ने बताया कि रास्ते में आते आते ऊपर वाले की मेहरबानी से मरीज के साथ मरीज के रिश्तेदारों की भी जान बच गई क्योंकि अचानक से 108 के ब्रेक फेल हो गए और जैसे तैसे मरीज की जान बचाने के लिए इस ड्राइवर ने अस्पताल तक इस एंबुलेंस को लेकर आया l वर्तमान हालात में जिस तरह से प्रदेश की सरकार और चिकित्सा मंत्री चिकित्सा व्यवस्थाओं को बेहतर करने की बात करते हैं ऐसे में 108 एंबुलेंस जो की जीवनदायिनी के रूप में देखी जाती है उनकी जर्जर हो रही हालात इस बात का सबूत है कि सरकार और चिकित्सा विभाग किस कदर लापरवाह हो चुका है l मरीजों की और प्रदेश की जनता की जान को बचाने के लिए   l