नगर पालिका द्वारा लाखो रुपये की कीमत से ख़रीदे गए मोबाइल टायलेट बने शोपीस

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नन्दलाल /शाहजहांपुर  –  केन्द्र में मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान के बाद प्रदेष की योगी सरकार का स्वच्छता अभियान पहली प्राथमिकता था लेकिन सीएम योगी इन प्राथमिकताओं में उनके कर्मचारी किस पलीता लगा रहे है इस नजारे को आप शाहजहांपुर में देखते सकते है। यहां लाखों की कीमत से बनाये गये मोबाइल टायलेट महज शे पीस बनकर ही रह गये है। वही अब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी रटे रटाये जवाब दे रहे हैं।

लावारिस हालत में खड़े मोबाइल टायलेट नगर पालिका परिषद द्वारा लाखों रूपये की कीमत से खरीदे गये है। लेकिन इनका आज तक कोई भी इस्तेमाल नही हो सका क्योकि इनकी खरीद में लाखों की कमीशनखोरी की गई थी। हालांकि ये नजारा है यूपी के शाहजहांपुर का है जहां प्रदेष सरकार में नगर विकास मंत्री और संसदीय कार्यमन्त्री सुरेष कुमार खन्ना है। जहां लाखों रुपये की लागत से दो मोबाइल शौचालय बनबाये गये हैं, लेकिन इसके बाद भी इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। बाजारों में दुकानदार से लेकर सामान्य नागरिक तक परेशान हैं। आलम ये है कि लोग खुले में शौच करने को मजबूर है। जिसकी वजह है जो सफाई के मामले में शाहजहांपुर यूपी में 10 सबसे गन्दे शहरोें में शुमार है। शहर में सार्वजनिक शौचालयों नाम मात्र के है। सबसे ज्यादा दिक्कत प्रमुख बाजारों में है, जहां पेशाबघर तक के लिए कोई इन्तेजाम तक नहीं है। ऐसे में दुकानदारों से लेकर ग्राहकों तक को काफी परेशानियां होती हैं। नतीजा यह है कि जहां तहां गंदगी पसरी रहती है।

मोबाइल टायलेटो पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी इन शौचालयों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। दरअसल नगर पालिका परिषद ने शहर में शुलभ शौचालयों की कमी को देखते 25 लाख रूपये कीमत के  मोबाइल टायलेट बनबाये गये लेकिन सिस्टम की सुस्ती के चलते अब तक ये शौचालय नगर पालिका परिषद में मात्र शेपीस ही बनकर रहे गये है। वहीं अब कैमरे के सामने अधिकारी इसे सार्वजनिक स्थान पर चलाने की बात कर रहे हैं।

सिर्फ अफसरों की लापरवाही की वजह से ही शहर स्वच्छता के मामले में फिसड्डी साबित हुआ। वहीं जब इस मामले में कैबिनेट मन्त्री सुरेश कुमार खन्ना से सवाल किया तो वो चुप्पी साधते नजर आए।
इसमें कोई दो राय नही कि सरकार तो स्वच्छता  को लेकर संवेदनशील है लेकिन कमीशनखोरी के चलते नगर पालिका और नगर महापालिकाएं सरकार की स्वच्छ भारत की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। ऐसे में अगर उस शहर में ये आलम है जहां से सुरेश कुमार खन्ना नगर विकास मन्त्री है तो फिर बाकी जिलों का क्या हाल होगा इस बात का अन्दाजा आप लगा सकते हैं।