सोनीपत – केबल संचालक की हत्या के मामले में अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

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रिपोर्ट – सुरेन्द्र /सोनीपत – अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने गांव गढ़ी केसरी में केबल संचालक की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषियों को उम्रकैद व सभी पर एक लाख दस हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। केबल संचालक की हत्या के दौरान एक हमलावर की भी मौत हो गई थी।

गांव गढ़ी केसरी निवासी पवन त्यागी गांव में केबल संचालक का काम करता था। उसने गांव के अड्डे पर अपना कार्यालय का बना रखा था। पवन के भतीजे नितिन ने पुलिस को बताया था कि 23 दिसंबर, 2016 को रात करीब आठ बजे उसका चाचा अपने कार्यालय पर बैठा था। इसी दौरान आई-20 कार सवार चार युवक उनके पास आए थे। उनमें से उनका जानकार अगवानपुर निवासी राहुल कार्यालय में आया था। उसके साथ आए दो युवकों की पहचान उसने मूलरूप से गांव अटायल फिलहाल गन्नौर निवासी गोपाल व जींद के गांव बुढ़ा खेड़ी निवासी प्रदीप के रूप में दी थी। बाद में उसका चाचा बाहर आ गया था। चारों युवक अपनी कार में सवार होकर गांव की तरफ चल दिए थे। पवन भी अपने भतीजे नितिन के साथ कार में सवार होकर चल दिया था। कुछ दूर चलने पर ही युवकों ने कार को रुकवा लिया था। इसी बीच राहुल व गोपाल उनकी कार में आकर बैठ गए थे। उन्होंने उसके चाचा को कहा कि उसने अपने भाई रामरूप हत्या मामले में खेड़ी तगा निवासी सोनू, नवीन व सरढ़ाना निवासी शीला के खिलाफ गवाही देकर उन्हें उम्रकैद कराई थी। उस समय तीनों की तरफ से गुमड़ के संदीप ने पवन को समझौता कराने को कहा था, लेकिन उसने समझौता नहीं किया था। उसी मामले का बदला लेने के लिए वह उसकी हत्या करने आए हैं। इस पर चारों हमलावरों ने गोली चला दी थी। उसके चाचा पवन ने भी अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाई थी। इस दौरान नितिन वह मौके से जान बचाकर भाग गया था। बाद में चाचा के साथी महिपाल व नवाब के साथ पहुंचा तो देखा कि प्रदीप गोली लगने से कार के पास पड़ा है। साथ ही उसके चाचा को चार गोली लगी हैं। वह अपने चाचा को पानीपत ले गए, जहां उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में नितिन के बयान पर चार नामजद समेत आठ के खिलाफ व षड्यंत्र का मामला दर्ज कर लिया था।

पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी गांव अगवानपुर निवासी राहुल, अटायल निवासी गोपाल, जींद के गांव किला जफ्फरगढ़ निवासी अशोक व सचिन तथा गुमड़ निवासी धर्मराज को गिरफ्तार किया था। मामले में एएसजे डा.सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने धर्मराज को बरी कर दिया। वहीं राहुल, गोपाल, सचिन व अशोक को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं। चारों दोषियों को प्रत्येक पर एक लाख दस हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।

पवन त्यागी के भतीजे नितिन त्यागी ने बताया था कि वर्ष 2010 में उसके ताऊ रामरूप की खेड़ी तगा निवासी नवीन व सोनू, सरढ़ाणा निवासी शीला ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके आरोप में तीनों को उम्रकैद की सजा हो चुकी है। रामरूप की हत्या के मामले में उसके चाचा पवन मुख्य गवाह थे। इसी का बदला लेने के लिए उसके चाचा की हत्या कराई गई थी।