नैनीताल -उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जंगलों में लगी आग मामले में वन संरक्षक को पेश होने के आदेश दिए

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रिपोर्ट – कान्ता पाल /नैनीताल -उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के जंगलों में लग रही आग का स्वतः संज्ञान लेकर प्रमुख वन संरक्षक को 7 अप्रैल को कोर्ट में सवा दस बजे व्यक्तिगत रूप से  पेश होने के आदेश दिए है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार कोर्ट ने इन द मैटर ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ़ फारेस्ट एरिया फारेस्ट हेल्थ एंड वाइल्ड लाइफ जनहित याचिका के स्वतः संज्ञान लिया है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व राजीव बिष्ठ ने कोर्ट के सम्मुख प्रदेश के जंगलों में लग रही आग के सम्बंध में कोर्ट को अवगत कराया। उनका कहना था कि अभी प्रदेश के कई जंगल आग से जल रहे है और प्रदेश सरकार इस सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।जबकि हाईकोर्ट ने 2016 में जंगलों को आग से बचाने के लिए गाइडलाइन जारी करी थी । कोर्ट ने गांव स्तर से ही आग बुझाने के लिए कमेटियां गठित करने को कहा था जिस पर आज तक अमल नहीं किया गया । सरकार जहां आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग कर रही है उसका खर्चा बहुत अधिक है और पूरी तरह से आग भी नही बुझती है इसके बजाय गाँव स्तर पर कमेटियां गठित की जायें । कोर्ट ने विभिन्न पेपरों में आग को लेकर छपी खबरों का गम्भीरता से संज्ञान लिया कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इसको बुझाने के लिए क्या क्या उपाय करें जा रहे है कोर्ट को कल बुधवार बताए। कोर्ट ने यह भी कहा कि जहाँ कोरोना चल रहा है पीड़ितों को सांस लेने में परेशानी हो रही है जंगलों में आग लगने से उनके लिए एक और समस्या उत्पन्न हो गयी है।